Computer virus

 Computer virus अपने आप कंप्यूटर में आ जाने वाला प्रोग्राम कोड होता है जो बाहरी स्रोत द्वारा तैयार किया जाता है। वायरस शब्द का प्रयोग सन् 1972 में सर्वप्रथम डेविड गेराल्डस ने अपने उपन्यास " when HARLIE was one " में किया था | परन्तु पहला कंप्यूटर वायरस "ELK cloner " था जो इन द वाइल्ड  ने प्रकट किया था | यह कंप्यूटर वायरस एप्पल डॉस 3.3 में ऑपरेटिंग सिस्टम में फ्लॉपी डिस्क के जरिये फैलता है | 

कंप्यूटर वायरस एक छोटा सा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है | जिसे आपके computer, laptop और mobile के operation को और कंप्यूटर, laptop और mobile के डाटा को delete करने या फिर हानि पहुंचाने ( Giving Damage) के लिए बनाया जाता है | 

दोस्तों जब भी हम को नया डिवाइस ( computer, laptop व mobile ) खरीदते है तो शुरू में उस डिवाइस के परफॉर्मेस काफी ज्यादा बढ़िया  है और हर कार्य काफी तेज़ी से पूरा होता है | लेकिन कुछ समय बाद ऐसा होता है की डिवाइस के processing में थोड़ा समय लगने लगता है और पहले के मुकाबले डिवाइस थोड़ा स्लो हो जाता है | 

How can computer virus load in system :

कंप्यूटर वायरस के फैलने का सबसे आसान जरिया नेटवर्क, इंटरनेट और ईमेल का बढ़ता हुआ उपयोग है | आमतौर पर कंप्यूटर वायरस आपके कंप्यूटर में निम्न प्रकार से आ सकता है -
  1. संक्रमित प्रोग्राम के उपयोग से 
  2. संक्रमित फाइल के उपयोग से 
  3. संक्रमित pen drive के उपयोग से 
  4. फ्लॉपी डिस्क के साथ डिस्क ड्राइव में कंप्यूटर बूट करने से 
  5. पायरेटेड सॉफ्टवेयर के उपयोग से | 

Types of computer virus :

  1. बूट सेक्टर 
  2. फाइल वायरस 
  3. मैक्रो वायरस | 

Some famous computer virus : 

अब तक बहुत से कंप्यूटर वायरस का जन्म हो चूका है, जिन्होंने कंप्यूटर के कार्यो को बिभिन्न प्रकार से छतिग्रस्त किया है | इनमें से कुछ निम्नलिखित है : 
  • Creeper - 1971 में इसका पता लगया गया था | यह पहला कंप्यूटर वायरस जो ARPANET पर पाया गया था | 
  • ELK Cloner - 1982 में इसका पता लगया गया था | यह वायरस एप्पल डॉस 3.3  ऑपरेटिंग सिस्टम से अटैच होकर फ्लॉपी डिस्क के जरिये फैलता है | 
  • The Morris internet Worm - 1998 में इसका पता लगाया गया था | यह वायरस मुख्यतः यूनिक्स सिस्टम को प्रभावित करता है | इस वायरस को कंप्यूटर वर्म्स का पितामह कहा जाता है | 
  • Melissa -  1990 में इसका पता लगाया गया था | यह ईमेल के जरिये फैलने वाला वर्ड मैक्रो वायरस है | 
  • code Red - 2001 में इसका पता लगाया गया था यह वायरस विंडोज सर्वर को प्रभावित करता है | 
  • Nimada - 2001 में इसका पता लगाया गया था यह वायरस अत्यधिक तीव्र गति से फैलता है | यह एक फाइल वायरस है जो एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में फैलता है | 
  • Blaster - 2003 में इसका पता लगाया गया था यह वायरस सिस्टम शटडाउन वार्निंग के साथ यूजर को अपनी उपस्थिति बताता है | 
  • Sasser - 2004 में इसका पता लगया गया था | यह पोर्ट 445 से जुड़कर नेटवर्क विंडोज सिस्टम को नुकसान पहुँचता है | 

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